ये शोर

    ये शोर
कोई वैक्सीन को रो रहा है।
तो कोई वैक्सीन से रो रहा है
महामारी के, इस दौर में
शोर कुछ यूँ हो रहा है।

कोई मेहंगाई को रो रहा है
तो कोई पेट्रोल को रो रहा है।
घर हो या बाजार,
शोर कुछ यूँ हो रहा है।

कहीं न्यूज़ में बबाल, तो 
कहीं चुनावी सवाल आ रहा है।
सच पड़ा है कोने में, फिर भी
शोर कुछ यूँ हो रहा है।

कोई हांथों को रो रहा है
कोई फूलों को रो रहा है।
न जाने कहाँ गिरेंगी, उंगलीं सबकी
शोर कुछ यूँ हो रहा है।

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मैंने सिर्फ एक बार देखा तुम्हे,
फिर पलट के ना देखा उसे 
चांद चिल्लाता रह गया,
चांद मैं हूं, चांद मैं हूं।
   


मैंने सिर्फ एक बार तेरी रबजो से शबाब पिया
फिर  पलट के ना देखा उसे, 
शराब चिल्लाता रह गया
शराब मैं हूं, शराब मै हूं।
     


मैंने सिर्फ एक बार सुना तुम्हे,
फिर पलट के ना देखा उसे,
श्वर चिल्लाता रह गया,
संगीत मैं हूं, संगीत मैं हूं।
    


मैंने सिर्फ एक बार छाव  ली तेरी जुल्फो की,
फिर पलट के ना देखा उसे,
बाग चिल्लाता रह गया,
बाग मैं हूं, बाग मैं हूं।
   


   और मैंने सिर्फ़ एक बार सजदा किया तेरा,
   फिर पलट के ना देखा उसे,
   खुदा  चिल्लाता रह गया,
खुदा मैं हूं, खुदा मैं हूं।
       
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    तेरे संग ख्वाब सजाना अच्छा हैं
तेरे संग वक़्त गुजारना अच्छा हैं
कुछ शिकायते हैं तुझसे 
पर उन शिकायतों के साथ तुझे अपनाना अच्छा हैं
हाँ बहुत गुस्सा भी हूँ तुमसे 
पर उस गुस्से पर तुम्हारा यूँ प्यार जताना अच्छा हैं
मेरी नादानियों को ,मेरी शरारतो को 
यूँ तुम्हारा मज़ाक में उड़ाके ,भुला देना अच्छा हैं 
प्यार हैं तुम्हे कितना मूझसे 
उसे छुपा के,तुम्हारा नज़रो से कहना अच्छा हैं 

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