*मैं लाखों की*

*मैं लाखों की*

पहली बार खुद की कदर जानी
बिस्तर पर पड़ी तो कीमत पहचानी
झाड़ू पौछा, दो हजार
खाना, चार हजार
कपड़े, डस्टिंग, तीन हजार
ओर चाय नाश्ता .....
उफ़ क्या क्या लिखूं....??????

दस हजार देकर भी मिलती नहीं
घर मैं कोई बाई  टिकती नहीं
और मैं बरसों से टिकी हूं
बिन सैलेरी के ही रुकीं हुं

बीस साल का तो
लाखों हो गया
और वो कहते रहे
कमाती नहीं हो
 
वेशक कमाया नहीं
पर बचाया तो हैं
मकान को घर
बनाया तो है

आज जब चाय बनाते हों
चार बार पूछनें जो आते हों
फिर भी मेरी तरह
ना बना पाते हो

और तुमने जो पोहे बनाएं
आधे कढ़ाही में थे चिपकाएं
और परांठा को पापड़ बनाया
जो हमने प्यार से था खाया

माना तेरा किया बहुत है
पर मेरा किया कम तो न था
घर को सहेजना 
मेरा शौक नहीं जरूरत थी
काश ये तुम समझ जाते
तो मेरे किये को हल्का न बताते।

सभी महिलाओं को समर्पित

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  ये आँखो 

सवेरे रोशनदान से जब धूप छटकती है
एक धूँधली सी तस्वीर उभरती है
वो क्या है उसको तो मैं नही जानता
मगर मेरी आँखो में बहुत मचलती है

सपनो को उसी ने नाराज़ किया है
मेरी परछाई को मेरे खिलाफ किया है
मेरी आँखे इंतज़ार बर्बादी का ऐसे करती है
कोई कली जैसे रोज़ सुबह खिलती है

माना आँखो में चित्र विचित्र है
मेरी चाँदनी रातो की एकलौती मित्र है
उसकी धूल पर अब दीवारें हँसती है
इसलिए वो तस्वीर धूँधली उभरती है

आँखे मेरी भी नम हो जाती है
जब वो तस्वीर सिसकती है
रोज़ सुबह रोशनदान से छटकती है
वो धूँधली तस्वीर उभरती है !!

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टूटे दिल
टूटी है आज मेरे हाथों से एक बेजुबान चीज
जो शायद थी मेरे दिल के बहुत करीब
हुआ मन उदास भरने लगी आँखें
सब कहते रहे जाने दे
उस वस्तु का क्या मोल जो थी निरजीव 
एक टूटी तो और आ जाएगी
मगर कैसे जाने दूँ ये दिल नही मानता
भले ही थी निरजीव मगर मेरे दिल से था उसका वास्ता
फिर बोला मन तू भी तो है बेजुबान, निरजीव
तू भी टूट जाएगी
तेरा भी था क्या मोल
ये दुनिया न जान पाएगी
तो खोल अपनी जुबान बन संजीव
जो टूटी है वस्तु आज भले ही वापस न आये
नयी चीजो को जिंदगी में पनाह देना सीख
मगर कैसे दूँ के ये  दिल नही मानता

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कर लिया स्वीकार हमने सच यही है 
चल पड़े है फिर दोबारा पथ वही है

भूलकर सारे पुराने हादसे, जिंदगी आवाज देगी
 फिर से  आंख में  चमक आ जाएगी, कंठ को ये साज देगी

चल पड़े है फिर नया एक गीत लेकर, पर पुरानी लय वही है 

कर लिया स्वीकार हमने सच यही है 
चल पड़े है फिर दोबारा पथ वही है

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