नास्तिक नहीं हु

नास्तिक नहीं हु 


में नास्तिक नहीं हु बस फर्क सोच का है
जो आपमें और मुझमे भेद करवाता है 
आप मिलोका सफर तय कर उसे मिलने जाते हो
में उसे घरमे ही मिल लिया करती हु 
आप आस्था से जो बनपड़े वो पेटी में डालते हो 
में उन्ही रुपियोसे किसा का पेट भर दिया करती हु 
आप माथा टेके मिन्नते मांगते हो 
में हात जोड़े दुआ ले आती हु 
आप उसे खुश करने के लिए हवन करवाते हो 
में उसे खुश करने के लिए किसी और को खुश कर आती हु 
आप दूध भगवान को चढ़ाते हो 
में दूध किसी गरीब के बच्चे को दे आती हु 
आप अक्सर उसे मंदिरो में खोजा करते हो 
में उसे झोपडी में तराशा करती हु
अगर लगे अभी में नास्तिक हु 
तो में नास्तिक रहना ही पसंद करती हु 
                        
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मुझे समझने  के लिए मुझमें उतरना होगा,
मेरी गिली आँखो से तुझे पानी भरना होगा,

मोहब्बत ख़ुशी तो दो वक़्त की देती है बस
इसे समझने  के  लिए इसमें जलना होगा,

तुम कहते हो की मैं तुम्हारी बाते उड़ा दूँगा 
तो ये देखने  के लिए पहले मुकरना होगा,

हाँ नहीं  समझा हूँ  अभी तुझे पता है मुझे
अभी तुझे थोड़ा पढ़ना और समझना होगा,

इतनी जल्दी अगर मोहब्बत मील जाएँ तो 
क्या मज़ा,  इसके लिए तो तरसना होगा,

तेरे साथ वक़्त गुज़ारने से पहले मेरी जान  
अपने हालतों को वक़्त को बदलना होगा,

यूँ हाथ छुड़ा के मुझसे बता जाना कहाँ हैं
तेरे जाने के बाद तनहाइयो से लडना होगा,

मेरी फ़िकर ना किया कर,हम तो काटों के 
शौक़ीन हैं ,हमें तो ऐसे फूलो से डरना होगा,
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माँ❤

 जब खुश होते थे सच में हम
एक ऐसा भी कल होता था
एक माँ की गोदी होती थी
एक माँ का आँचल होता था
उसको न कभी रोते देखा
हर हाल में वो मुस्काती थी
कैसी भी घर पर हो विपदा
हँसते-हँसते सह जाती थी
मन मेरा न कभी मरने देती
हर खुशी बटोर वो लाती थी
कभी कम पड़ जाये रोटी तो
खुद पानी पी सो जाती थी
तन,मन,जीवन जो दे पाये
वो हिम्मत माँ में होती है
जितनी खूबी ईश्वर में होती
वो सब माँ में होती है


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