तु नदी है, तुझे बहना होगा।
तु नदी है,
तुझे बहना होगा।
पहाड़ों सी बाधाओं को
मैदान के घुमाओ को
मरू भूमी के उथलेपन को
पठारो की चट्टानों को
आगे बढ़कर सहना होगा
तु नदी है,
तुझे बहना होगा।
कंकड़ की चुभन से उछलेगी,
तो नरम मृदा सहारा देगी
सूरज की तपन से मचलेगी
तो चंद्रप्रभा सहला देगी
इन सारे पलो को चाहना होगा ।
तु नदी है,
तुझे बहना होगा।
बांध बना ये रोकेंगे,
राह काट के सोखेंगे
तेरी छवि धूमिल कराएंगे।
तुझे अपवित्र ये बनाएंगे
अपने अस्तित्व में तुझे रहना होगा।
तु नदी है,
तुझे बहना होगा।
कभी शान्त रह
कभी विकराल बन
कभी ममत्व दिखा
कभी काल बन
तुझे आपनी बात भी कहना होगा।
तु नदी है,
तुझे बहना होगा।
जो तू बहती जाएगी
अपना गुण कहती जायेगी
उस समुद्र को तुझसे मिलना होगा।
तु नदी है,
तुझे बहना होगा।
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इज्जत
इज्जत के रखवालो जरा इज्जत की परिभाषा बता दो
किसी की आवाज को दबाना इज्जत है क्या
किसी को दिवारों में कैद करना इज्जत है क्या
किसी की उम्मीदों पे पानी फेर देना इज्जत है क्या
किसी के सपनों को कुचलना इज्जत है क्या
किसी को गर्भ में मार देना इज्जत है क्या
किसी पर जोर आजमाना इज्जत है क्या
किसी को जीते जी मार देना इज्जत है क्या
किसी के प्यार का गला घोट देना इज्जत है क्या
किसी को खुदखुशी के लिए मजबूर करना इज्जत है क्या
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इस भीड़ में
भीड़ महफ़िलो में सड़के वीरान लगती हैं
हर रोज ये ज़िन्दगी खुद से जंग लड़ती है,,
स्याहीयों से बयां दर्द आँखों में नमी हैं
ज़िन्दगी ना जाने क्यों दो पहलू में ढली है,,
गूंजती आवाज़ो में सन्नाटे सी खामोशी है
वक़्त के दहलीज़ पर फिसलते फर्ज सभी है,,
पायाब जख्मो का यहां हिसाब नही है
बिखरे जज्बातों में ख़्वाब कई है,,
खुद जीना मुश्किल दूसरो के लिए काम लगता है
अपने और गैरो में यहां हर शख़्स उलझता हैं,,
कई ठोकरों से भी ज़िन्दगी सम्भलती नही है
तकलिफों कि कश्तियां यू ही डूबती नही है,,
उम्मीद के पनाहों में हर कोई बैठा है
उम्र छोटी तजुर्बो का सब फलसफा हैं !!
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Bahna to un naso me he jaha aapka khun bahta he
ReplyDeleteRehna to us dil me he jaha aapka dil dhadkta he
Aur marna us waqt me he jaha apke palake band ho jaye !
Yaah right😶
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