कोरोना वायरस

इंसान खुद को खुदा ना समझे
ईसलिए आफत मचाई है
मैं मौत हूँ मुझ में भी  अच्छाई है

सोशल होने की बात करते हो 
तुम सोशल ही कहां हो 
अपने मां बाप को ही नहीं पूछते
 मुझ पर क्यों उंगली उठाई है

मैं मौत हूँ मुझ में भी अच्छाई है

अपनों से अपनी बात कर सको
 इसलिए पूरी दुनिया लॉकडाउन करवाई है
 तुम खुश नसीब हो जो मुझसे दूर हो 
दो पल साथ बिताओ जिन्होंने जिंदगी  दिलाई है

तुम छुट्टियों के लिए तरसते थी ना 
अब तो छुट्टियां ही छुट्टियां करवाई है

इंसान खुद को खुदा ना समझे 
इसलिए आफत मसाई है 
मैं मौत हुँ मुझ में भी अच्छाई है

तुम भी भीड़ इकट्ठा मत करना 
यह मेरी ताकत है
 घर से भी बिल्कुल बाहर मत निकलना
 मैंने बाहर पहरी लगाई है
 और यह मेरी लड़ाई नहीं है 
तुम्हारी खुद से खुद की लड़ाई है

 मैं मौत हूं मुझ में भी अच्छाई है

 यह अमृत सा पानी जहरीला किया है
 जंगलों में तुमने ही आग लगाई है
अपने हाथों से कुदरत की मांग उजाडी है 

मैं मौत हूँ मुझ में भी अच्छाई है

ओ इंसान, 
यहां सब कुदरत के कर्जदार हैं, मालिक ना बन 
कुदरत की रक्षा कर, दुश्मन ना बन
आज नहीं तो कल मुझे रोक ही लोगे
यह सिर्फ सबक है इससे सीख ही लोगे
ना सोखे तो कुदरत फिर किसी रूप में बुलाएगी

इंसान खुद को खुदा ना समझे
इसलिए आफत  मचाई है 
मैं मौत हूँ मुझ में भी अच्छाई है। 





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